गुण्डाधुर महाविद्यालय में इतिहास विभाग द्वारा भूमकाल दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन
शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोंडागांव में इतिहास विभाग के द्वारा भूमकाल दिवस पर "अमर शहीद वीर गुण्डाधुर और बस्तर के वीर नायकों पर ऐतिहासिक विमर्श" विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जगदलपुर से इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष श्री चंद्र प्रकाश यादव उपस्थित रहे।
इस संगोष्ठी में वीर शहीद गुण्डाधुर एवं अन्य नायकों के ऐतिहासिक योगदान विषय पर गहन विमर्श श्रोताओं के समक्ष रखा गया। कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में संस्था के प्राचार्य डॉ. चेतन राम पटेल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं संगोष्ठी की प्रस्तावना एवं उद्देश्य के बारे में बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. किरण नूरूटी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र से 1857 से लेकर आजादी तक 10 जननायकों ने अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि बस्तर के प्रत्येक जन के खून में बुराई, अन्याय तथा शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाने का जज़्बा हमेशा से ही रहा है और हमारे वीर नायकों ने बलिदान देकर भी अपनी इस थाती को नहीं छोड़ा।
मुख्य वक्ता सीपी यादव ने इस संगोष्ठी को समय की मांग बताते हुए अपना वक्तव्य प्रारंभ किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में स्वतंत्रता आंदोलन के केंद्रों, बंगाल विभाजन, स्वदेशी आंदोलन, और इनमें छत्तीसगढ़ तथा बस्तर के जननायकों के योगदान की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 1910 के भूमकाल विद्रोह का मुख्य कारण जल, जंगल और जमीन पर आधारित था। उन्होंने आगे जोड़ा कि इन जननायकों को सभी पंथ और संप्रदाय के लोगों के समर्थन मिला। कार्यक्रम का संचालन नसीर अहमद कर रहे थे तथा आभार प्रदर्शन करते हुए इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पुरोहित कुमार सोरी ने वीर गुण्डाधुर सहित सभी वीर नायकों को स्मरण किया। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में विभिन्न दिवसों पर ऐसी संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक शोभाराम यादव, शशिभूषण कन्नौजे, रूपा सोरी, डॉ. अलका शुक्ला, डॉ. देवाशीष हालदार, नेहा बंजारे, आकाश वासनीकर, अर्जुन सिंह नेताम, समलेश पोटाई, लोचन सिंह वर्मा, सभी अतिथि व्याख्याता, प्रयोगशाला तकनीशियन, अन्य स्टाफ एवं बड़ी मात्रा में सभी संकायों के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।