केमिकल सोसायटी द्वारा नोबेल पुरस्कारों पर सेमिनार आयोजित
शासकीय गुण्डाधूर स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोण्डागाँव के रसायन शास्त्र विभाग की केमिकल सोसायटी के द्वारा हाल ही में घोषित नोबेल पुरस्कारों से संबंधित एक सेमिनार का आयोजन किया गया था जिसमें केमिकल सोसायटी के सदस्यों के द्वारा प्रत्येक नोबेल पुरस्कार तथा उनके विजेताओं के बारे में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा समझाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत केमिकल सोसायटी के संरक्षक डॉ आशीष आसटकर के उद्बोधन से हुई जिसमें उन्होंने महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबल की डायनामाइट की खोज और नोबल पुरस्कारों के इतिहास बताया।
ईश्वरी पांडे ने बताया कि तीन अमरीकी अर्थशास्त्रियों बेन एस बर्नान्के, डगलस डब्ल्यू डायमंड और फिलिप एच. डायबविग को यह पुरस्कार ‘बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध’ के लिए दिया गया है। उन्होंने रिसर्च किया कि समाज वित्तीय संकटों से कैसे निपटता है।
मोनिका मरकाम ने बताया कि रसायन विज्ञान में नोबेल पाने वाले वैज्ञानिकों में अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की कैरोलिन बर्टोज़्ज़िक, डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के मोर्टन मेल्डाल और अमेरिका के ही स्क्रिप्स रिसर्च के के. बैरी शार्पलेस को यह सम्मान दिया जा रहा है। बैरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डल ने केमेस्ट्री के फंक्शनल फार्म 'क्लिक केमेस्ट्री' की नींव रखी है। कैरोलिन बर्टोजी ने क्लिक केमिस्ट्री को एक नए आयाम पर पहुंचाया है और जीवित जीवों में इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है।
श्रेयस चाको ने नोबल शांति पुरस्कारों के बारे में बताया। 2022 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बियालियात्स्की, यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन और रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियाल को प्रदान किया गया है।
दामोदर मरापी ने बताया कि चिकित्सा जगत में अपनी खोजों के लिए वैज्ञानिक वांते पाबो ने नोबल पुरस्कार का सम्मान हासिल कर लिया है। उन्होंने विलुप्त मानव प्रजाति और मानव उत्पत्ति से संबंधित जीनोम के लिए रिसर्च किया था।
भौतिक शास्त्र के नोबल पुरस्कारों के बारे में बुद्धेश्वर ने जानकारी देते हुए बताया कि एलेन एस्पेक्ट (फ्रांस), जॉन एफ. क्लॉजर (अमेरिका) और एंटोन जिलिंगर (ऑस्ट्रिया) को ‘बेल की असमानताओं के उल्लंघन की स्थापना और क्वांटम सूचना विज्ञान को नई दिशा देते हुए, उलझे हुए फोटॉनों पर’ अनुसंधान कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। क्वांटम उलझाव उनके अनुसंधान की साझी अवधारणा है। यह क्वांटम यांत्रिकी (मैकेनिक्स) का एक अजूबापन है जो दो या दो से अधिक कणों को इस तरह से एक ‘उलझी हुई अवस्था’ में मौजूद रहने की अनुमति देता है कि एक कण के साथ जो होता है वह दूसरों को तुरंत प्रभावित करता है, चाहे वे कितनी भी दूरी पर स्थित क्यों न हों।
संस्था के प्राचार्य डॉ चेतन राम पटेल ने इस आयोजन हेतु केमिकल सोसायटी के सदस्यों को बधाई देते हुए अपने सम्बंधित विषयों में श्रेष्ठ कर नोबल पुरस्कार प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम का संचालन केमिकल सोसायटी की अध्यक्ष प्रियंका ठाकुर ने किया।
इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए रसायनशास्त्र के विभागाध्यक्ष नसीर अहमद ने बताया कि केमिकल सोसायटी के द्वारा विज्ञान के विभिन्न आयामों को ध्यान में रखते हुए लगातार ऐसे ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ किरण नुरूटी, डॉ पुरोहित सोरी, शोभाराम यादव, शशिभूषण कन्नौजे, देवाशीष हालदार, रूपा सोरी, विनय कुमार देवांगन, लोचन वर्मा, आकाश वासनीकर, नेहा बंजारे, समलेश पोटाई, अर्जुन सिंह नेताम, सभी संकायों के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थी तथा केमिकल सोसाइटी के सदस्य उपस्थित थे।