शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोण्डागांव के कैरियर गाइडेंस एवं प्लेसमेंट सेल तथा प्रिज़्म ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट भिलाई के आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में कैरियर इन मैनेजमेंट विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया था। ज्ञात जो कि इन दोनों संस्थानों के मध्य विभिन्न विद्यार्थी केंद्रित गतिविधियों को संयुक्त रूप से संचालित करने हेतु अनुबंध किया गया है जिसमें स्टूडेंट एक्सचेंज, फैकल्टी एक्सचेंज, साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभिन्न विषयों तथा कैरियर से संबंधित विषयों पर व्याख्यान, संगोष्ठियों इत्यादि के साझा आयोजन करने के सम्बंध में अनुबंध किया गया है। इसी कड़ी में विभिन्न संकाय के छात्रों को मैनेजमेंट के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए मार्गदर्शन हेतु इस वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई जिसके बाद शासकीय महाविद्यालय धमधा के प्राचार्य डॉ जे के वर्मा द्वारा मैनेजमेंट के एक एक अक्षर को हटाकर विभिन्न अर्थों के बारे में बड़े ही रोचक अंदाज़ में समझाया । शासकीय गुण्डाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोण्डागांव के कैरियर गाइडेंस एवं प्लेसमेंट सेल के प्रभारी डॉ देवाशीष हालदार ने बस्तर संभाग के छात्रों के लिए इस वेबिनार को मील का पत्थर बताया और कहा कि बस्तर के दुर्गम क्षेत्र के बच्चों को मैनेजमेंट विषय के बारे में उतना ज्ञान नहीं होता है इसलिए यह बेबी नाक बड़ा ही उपयोगी सिद्ध होगा। प्रिज्म ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट भिलाई के निदेशक श्री रूपेश गुप्ता मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने मैनेजमेंट की देश की प्रमुख संस्थाओं एवं उनमें होने वाली प्रवेश प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया। अपने व्याख्यान में उन्होंने प्रबंधन की आवश्यकता एवं व्यवसाय, उद्योग, कंपनी आदि में प्रबंधन की भूमिका को समझाया। उन्होंने यह भी बताया कि देश की नामी मैनेजमेंट संस्थाओं सहित विभिन्न संस्थाओं में मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स करने पर किस तरह से खर्च आते हैं एवं बैंक द्वारा किस तरह से लोन की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि मैनेजमेंट के क्षेत्र में जॉब में मिलने वाला पैकेज काफी शानदार होता है एवं पढ़ाई के खर्च की राशि सामान्यतः एक से दो साल में निकल जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह से नए बिजनेस के लिए प्लानिंग करना चाहिए एवं किस तरह से आर्थिक मदद के लिए आवेदन किया जा सकता है। व्याख्यान के अंत में उन्होंने प्रतिभागियों के विभिन्न प्रश्नों का उत्तर दिया। वेबीनार में दोनों महाविद्यालय के प्राचार्य सहित अन्य स्टाफ भी मौजूद रहे। इस वेबीनार में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिन्हें ई-सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया।